भारतीय सेना ने हाल ही में लेह-लद्दाख के ऊँचाई वाले क्षेत्र में ‘ड्रोन योद्धा प्रतियोगिता’ का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बिना पायलट वाले विमानों (ड्रोन) और आधुनिक युद्ध तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना था। यह आयोजन वास्तविक परिचालन परिस्थितियों में किया गया, जिससे भारतीय सेना की गंभीरता और उन्नति का पता चलता है।
प्रतियोगिता के दौरान, अग्नि एवंfurious कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला ने भाग लेने वाले प्रतिभागियों की प्रशंसा की। उन्होंने उनकी उत्कृष्ट क्षमता और ड्रोन संचालन में प्रवीणता की सराहना की।
प्रतियोगिता का डिजाइन उन्नत ड्रोन तकनीकों और सामरिक नवाचारों की परीक्षा करने के लिए किया गया था। इस दौरान प्रतिभागियों ने चुनौतीपूर्ण पर्वतीय परिस्थितियों में निगरानी, Reconnaissance, और परिचालन चालों को प्रदर्शित किया।
लेफ्टिनेंट जनरल भल्ला ने कहा, “यह आयोजन हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हम उभरती हुई तकनीकों को ऊँचाई वाले और कठिन terrains में परिचालन बढ़त के लिए उपयोग कर रहे हैं।”
यह प्रतियोगिता भारतीय सेना के निरंतर आधुनिकीकरण, नवाचार और तैयारियों पर जोर देने का प्रतीक है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ जटिल भूभाग और रणनीतिक महत्व अधिक है। इस तरह के आयोजनों से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सेना भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।