फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश में हुई एक सामान्य न्यायालय सैनिक (General Court Martial) ने सेना सेवा कोर (Army Service Corps) के एक लेफ्टिनेंट कर्नल को दो साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही भारतीय सेना से अपमानजनक तरीके से बर्खास्त कर दिया गया है। इस अधिकारी को कई आरोपों का दोषी पाया गया है, जिनमें धोखाधड़ी वित्तीय गतिविधियाँ और एक महिला के साथ आपत्तिजनक संबंध बनाए रखने के लिए ‘अयोग्य आचरण’ शामिल हैं।
### चार आरोपों में पाया गया दोषी
यह अधिकारी, जो राजपूत रेजिमेंटल सेंटर (Rajput Regimental Centre) में तैनात था, का परीक्षण कई आरोपों के तहत किया गया था। GCM, जिसकी अध्यक्षता एक वरिष्ठ अधिकारी ने की, ने उसे चार मामलों में दोषी पाया। इनमें से तीन आरोप आर्मी एक्ट की धारा 52(f) के अंतर्गत आए, जो धोखाधड़ी वाले लेन-देन से संबंधित हैं, जबकि चौथा आरोप धारा 45 के अंतर्गत था, जो एक अधिकारी के लिए अयोग्य आचरण से संबंधित है।
### धोखाधड़ी वाले रेलवे टिकट बुकिंग
ये आरोप कई वर्षों में हुई घटनाओं से संबंधित हैं। 2013-2014 के दौरान, जब यह अधिकारी हिसार में एक ASC बटालियन के साथ तैनात था, उसने 2013 में जारी रेलवे छूट वाउचर का दुरुपयोग कर 2020 में लखनऊ और नई दिल्ली के बीच यात्रा के लिए टिकट बुक कराए। हालांकि, ये वाउचर सिर्फ हिसार और लखनऊ के बीच यात्रा के लिए निर्धारित थे। अपने बचाव में उसने एक साजिश का हवाला दिया, लेकिन अदालत ने यह साबित कर दिया कि वाउचर पर उसके हस्ताक्षर और यूनिट की मुहर थी, जिससे दुरुपयोग का स्पष्ट प्रमाण मिला।
### धोखाधड़ीपूर्ण हाउस रेंट भत्ते के दावे
अदालत ने इस अधिकारी को यह बताते हुए भी दोषी पाया कि उसने अपनी पत्नी और बेटी को लखनऊ, एक क्लास ‘Y’ शहर में रहने के बजाय दिल्ली, जो क्लास ‘X’ शहर है, का पते पर दिखाकर अधिक हाउस रेंट भत्ता (HRA) प्राप्त किया। इस गलत जानकारी के कारण उसे अधिक वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ।
उसका यह बचाव कि उसकी वृद्ध माँ दिल्ली में रहती हैं और परिवार occasionally वहां आता है, तब खारिज कर दिया गया जब उसकी पत्नी, जो पूर्व एयर फोर्स अधिकारी हैं, ने गवाही दी कि उनका दिल्ली जाना केवल संक्षिप्त और कभी-कभी होता था।
### अनैतिक संबंध और अनुशासनहीनता
धारा 45 के तहत सबसे गंभीर आरोप इस अधिकारी के उस महिला के साथ अनैतिक संबंधों से संबंधित थे, जो उसके आधिकारिक एकल अधिकारी आवास में रह रही थी। यह मामला उसकी पत्नी की शिकायत के बाद शुरू हुआ, जिसने वहां उस महिला को देखा था। पड़ोसियों, घरेलू कर्मचारियों और अन्य गवाहों ने उनके संबंध की पुष्टि की, उनके व्यवहार को एक जोड़े के रूप में वर्णित किया।
अधिकारी के आवास पते पर महिला के नाम पर गैस का कनेक्शन ट्रांसफर करना और पत्नी के बजाय महिला की तस्वीर के साथ निर्भरता कार्ड जारी करना भी सबूत के रूप में पेश किया गया। जबकि वह दावा करता रहा कि महिला उसकी मित्र है, अदालत ने प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर इस दावे को खारिज कर दिया।
### अंतिम पुष्टि की प्रतीक्षा
दोष और सजा के ये निष्कर्ष, जिसमें दो साल की कठोर कारावास और अपमानजनक बर्खास्तगी शामिल है, अदालत के सैन्य न्यायालय द्वारा पुष्टि की प्रतीक्षा में हैं।
यह मामला भारतीय सेना के अनुशासनात्मक मानकों और उसके भीतर अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की स्पष्ट छवि को दर्शाता है।