भारतीय वायु सेना (IAF) और DRDO ने कोंकण तट के पास एक महत्वपूर्ण नेटवर्केड एयर पावर का प्रदर्शन किया, जिसमें एक मानवित-निर्यात टीमिंग (Manned-Unmanned Teaming – MUM-T) समुद्री हमले का अनुभव सफलतापूर्वक संचालित किया गया। इस अभ्यास में एक पायलटेड Tejas लड़ाकू विमान ने दो无人 उड़ान विमानों (UAVs) को समन्वित सेंसर-से-शूटर संचालन में नेतृत्व किया।
यह परीक्षण गोवा और करवार के चारों ओर एक निर्दिष्ट NOTMAR नो-सेल ज़ोन में किया गया था और इसका समापन Dabolim में एक समन्वित पुनर्प्राप्ति के साथ हुआ। इसने स्थायी रूप से कमांड-और-कंट्रोल हस्तांतरण, रियल-टाइम सेंसर फ्यूजन, और स्वायत्त UAVs द्वारा रिले किए गए डेटा के आधार पर सटीक हमला निष्पादन को मान्यता दी। एक ऑटोनॉमस कंट्रोल सिस्टम (ACS) ने मिशन के मध्य भूमिका स्वैप और UAVs द्वारा स्वायत्त चालनों का प्रबंधन किया, जिससे वे न तो जमीन से और न ही प्रमुख विमान से सीधे मानव पायलटिंग के बिना कार्य कर सकें।
एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी सफल सेंसर-से-शूटर हैंडऑफ़: UAVs के पेलोड द्वारा अधिग्रहित लक्ष्य डेटा Tejas को स्थानांतरित किया गया, जिसने एक सिम्युलेटेड समुद्री परिदृश्य में सटीक हमला करने के बिंदुओं को निष्पादित किया। इस अभ्यास ने मजबूत C2 इंटरऑपराबिलिटी, मजबूत डेटा लिंक और विवादित वातावरण में एयरक्रू के लिए जोखिम को कम करते हुए ऑपरेशनल रीच को बढ़ाने की संभावनाओं को प्रदर्शित किया।
यह प्रदर्शन एक साथ बढ़ते त्रि-सेवा गतिविधियों के साथ हुआ — विशेष रूप से Exercise Konkan (UK Royal Navy के साथ) और Exercise Trishul — जो भारत के बढ़ते सामंजस्य और स्वदेशी नेटवर्केड क्षमताओं पर जोर देता है, खासकर अरब सागर के पार। IAF और DRDO के अधिकारियों ने कहा कि MUM-T परीक्षण औपचारिक रूप से स्वायत्त टीमिंग डॉक्ट्रिन को लागू करने में महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है, जो भविष्य के समुद्री अभियानों के लिए अधिक घातकता, स्थायित्व और जीवित रहने की संभावना को सुनिश्चित करता है।