27 और 28 अक्टूबर 2025 को पुणे के College of Military Engineering (CME) में Explosive Ordnance Operation and Training Conference 2025 सफलता पूर्वक आयोजित की गई। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भारतीय सशस्त्र बलों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के key stakeholders ने भाग लिया और विस्फोटक उपकरण संचालन के क्षेत्र में विकसित हो रहे चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की।
संयुक्तता और तकनीकी नवाचार पर ध्यान
इस सम्मेलन में Counter Explosive Disposal Units के Commanding Officers, Combat Engineers Directorate के अधिकारियों, Explosive Detection & Disposal Wing के सदस्यों, National Security Guard (NSG) के प्रतिनिधियों और रक्षा उद्योगों तथा अनुसंधान संस्थानों के विषय विशेषज्ञों ने सक्रिय भागीदारी की। चर्चा का केंद्र विकसित हो रहे Improvised Explosive Device (IED) खतरे के परिदृश्य पर था, जिसमें संयुक्तता, तकनीकी नवाचार और स्वदेशी क्षमता विकास की बढ़ती आवश्यकता को उजागर किया गया ताकि counter-explosive संचालन में कार्यात्मक प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सके।
उभरती तकनीकों का दोहन
भाषण देने वालों और विशेषज्ञों ने Artificial Intelligence (AI), डेटा एनालिटिक्स, स्वायत्त प्लेटफार्मों और सेंसर्स के संलयन जैसी उभरती तकनीकों के एकीकरण पर चर्चा की, जो विस्फोटक उपकरणों की पहचान, निष्क्रिय करने और नष्ट करने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय इकाइयों और अनुसंधान संगठनों के बीच सहयोग की महत्वता को भी रेखांकित किया ताकि नवाचार और परिचालन तैनाती को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
एकीकृत EOD नीति की ओर
चर्चाओं का निष्कर्ष एक सामान्य Explosive Ordnance Disposal (EOD) नीति के निर्माण के लिए उच्चतर अंतर-एजेंसी सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया, जिससे सेवाओं और सुरक्षा एजेंसियों में प्रक्रियाओं और तकनीकों को समन्वयन किया जा सके। यह सम्मेलन ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया, जिसका उद्देश्य प्राथमिकता से राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्नत एवं सुरक्षित विस्फोटक प्रबंधन प्रथाओं के माध्यम से किया गया।